Maa durga ke 9 roop, Maa durga ke 9 roop with name

Maa Durga ke 9 roop, Maa durga ke 9 roop with name

हेलो दोस्तों आज की पोस्ट में हम जानेगे माँ दुर्गा के 9 रूप (maa durga ke 9 roop, माँ दुर्गा के के 9 रूप और उनके नाम ( maa durga ke 9 roop with name). अगर आपको हमारी पोस्ट अछि लगे तोह कृपया हमे फॉलो करे और दोस्तों के साथ साझा करे। 

 मां दुर्गा का प्रथम नाम ( रूप ) शैलपुत्री


7 अक्टूबर 2021 यानि आज नवरात्र शुरू हो रहे है।  माता के बहुत सारे नाम से है जैसे की  माँ दुर्गा , माँ मां भगवती  अलग अलग नाम से जाना जाता है।  

1) माता दुर्गा का पहला रूप माता शैलपुत्री

आज नवरात्र का पहला दिन है जो की माता का पहला रूप है माता शैलपुत्री।  पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है।  इनकी  पूजा से भक्त सदा धन-धान्य से परिपूर्ण होते हैं।
शैल का अर्थ है हिमालय और पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। पार्वती के रूप में इन्हें भगवान शंकर की  स्त्री के रूप में बी जाना जाता है।  

2) माता दुर्गा का  दूसरा रूप  माता ब्रह्मचारिणी


 

ब्रह्मचारिणी- मां दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी है। मां दुर्गा का यह रूप भक्तों और साधकों को बहुत बड़े - बड़े  फल प्रदान करने वाला है। माता की  उपासना से तप, त्याग, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है।

3) माता दुर्गा का  तीसरा  रूप  माता ब्रह्मचारिणी

चंद्रघंटा- मां दुर्गा का तीसरा रूप चंद्रघंटा है। इनकी आराधना तीसरे दिन की जाती है। माता की उपासना से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। माता की  पूजा करने से मन  में भरपूर शांति मिलती है।  


4)  कुष्मांडा माता चौथा रूप है।


  

कुष्मांडा माता चौथा रूप है।   4th दिन मांं कुष्मांडा की आराधना की जाती है। माता की उपासना से सिद्धियों, प्रपाप्त  कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आपकी  आयु व यश में वृद्धि होती है।

5. स्कंदमाता माता पांचवा रूप है। 


 

स्कंदमाता माता की उपासना का पांचवा दिन होता है। माता की पूजा करने से  मोक्ष के द्वार खुल जाते है और इंसान परम  सुख प्राप्त करता है। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं को पूर्ण करती है। 

6. कात्यायनी- मां का 6TH रूप कात्यायनी है।


 

 6TH दिन माता कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है। कात्यायनी साधक को दुश्मनों का संहार करने में सक्षम बनाती है।

7) कालरात्रि मां का सातवा रूप है।

 नवरात्रि की सातवे  के दिन मांं काली की पूजा का विधान है। मांं काली की पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है  और माता की पूजा से दुश्मनों का नाश होता है। तेज बढ़ता है।


8. महागौरी- देवी का आठवांं रूप है।

महागौरी- देवी का आठवांं रूप है।। महागौरी माता का अष्टमी के दिन पूजा  का विधान है। इनकी पूजा सारा संसार करता है। महागौरी की पूजन करने से समस्त पापों का नाश हो जाता ह।   सुख में वृद्धि होती है।

9. सिद्धिदात्रीका नोवा  रूप है।

सिद्धिदात्री- मां सिद्धिदात्री की आराधना नोवे के  दिन की जाती है। माता की आराधना से जातक अणिमा, लघिमा, प्राप्ति,प्राकाम्य, महिमा,  भावना सिद्धि आदि समस्तनव-निधियों की प्राप्ति करता है।

 नवरात्र क्यों मनाये जाते है ? 

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