गणतंत्र दिवस पर भारत ने दिया दुनिया और मानवता को वरदान

 गणतंत्र दिवस पर भारत ने दिया दुनिया और मानवता को वरदान , दुनिया की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन भारत ने की लॉन्च

इंट्रानेजल वैक्सीन


 भारत हमेशा से ही दुनिया और मानवता के लिए काम करता आया है। ज़ब बात आती है मानवता की रक्षा की तो दुनिया में सबसे पहले भारत का नाम आता है फिर चाहे दुश्मन देश की मदद करना हो या गरीब देशों की भारत कभी भी मदद करने से पीछे नहीं हटता। इसका सबसे बड़ा और हाल का ही उदाहरण है कोरोना महामारी के दौरान भारत द्वारा दुनिया को पहुंचाई जाने वाली मदद।भारत ने जरूरी दवाओं के साथ साथ मेडिकल इक्विपमेंट्स और वैक्सीन पूरी दुनिया में बाँट कर मानवता को एक बड़े खतरे से बचाया। अब गणतंत्र दिवस के दिन भारत ने दुनिया को बड़ी राहत पहुँचाते हुए विश्व की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन लॉन्च कर दी है।

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 इनकोवैक (iNCOVACC) अपनी तरह की पहली इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन

 

ये बेहद गर्व की बात है कि भारत ने दुनिया की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन बना ली है और ये वैक्सीन अब कोरोना के खिलाफ लड़ने में पूरी दुनिया की मदद करेगी।बता दें की डी जी सी आई ने पिछले वर्ष इस वैक्सीन को आपातकालीन प्रयोग के लिए मंजूरी दे दी थी। इस वैक्सीन ने काफ़ी अच्छे परिणाम दिए और इसी वजह से इस वैक्सीन को बूस्टर के रूप में सभी को दिया जायेगा।चूँकि ये नेज़ल वैक्सीन है इसलिए ना तो इसके लिए सिरिंज ना ही सुई की जरूरत होती है। इस वजह से इस वैक्सीन को स्टोर करना भी आसान है और आसानी से इसे एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाया जा सकता है। सबसे अच्छी बात व्यक्ति अपने आप इस टीके का इस्तेमाल कर सकता है।

 

भारत बायोटेक ने बनाई है वैक्सीन

 

भारत की अपनी स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक ने इनकोवैक को बनाया है। कंपनी ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ मिलकर इस अनोखी वैक्सीन का निर्माण किया। बता दें की भारत बायोटेक ने ही स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन बनाई थी जो भारत समेत पूरी दुनिया में उपयोग की गयी थी। कंपनी इस वैक्सीन को सरकार को 325 रुपय प्रति शॉट और निजी अस्पतालों को 800 रुपय प्रति शॉट के दम पे बेचेगी।

 

तीन प्रतिक्रियाएं देने वाला एक मात्र टिका

 

कंपनी के मुताबिक इनकोवैक वैक्सीन आईजीजी, आईजीए और टी सेल प्रतिक्रिया पैदा करती है और ये इस प्रकार की तीन प्रतिक्रियाएं देने वाली एक मात्र वैक्सीन है।चूँकि ये टीका नाक से दिया जाता है ये बहुत जल्दी असर करता है। ये ना सिर्फ कोरोना से आपको बचाता है बल्कि इसके फैलाव को भी रोकता है। इन्फेक्शन को ख़तम करने में ये टीका काफ़ी लाभदायक है। ये वैक्सीन हर तरह से काफ़ी असरदार है व हर व्यक्ति को इसकी चार बूँद दी जाएंगी।

 

भारत पहले ही रच चूका है इतिहास

 

बता दें कि भारत ने 100 से ज्यादा देशों को वैक्सीन पहुंचाई थे वहीं वैक्सीन मैत्री के अंतर्गत भारत ने पड़ोसी देशों को मुफ्त में टीका बाँटा था। आपको जानकर गर्व होगा कि भारत ने 200 करोड़ से ज्यादा टीके लगातार विश्व रिकॉर्ड कायम किया था और दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन को सफल बनाया था।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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